शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के तहत तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थानों (टीओएफईआई) पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। नाबालिगों और युवाओं को तम्बाकू के सेवन से बचाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
तम्बाकू का सेवन भारत में रोके जा सकने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है और देश में हर साल लगभग 1.35 मिलियन मौतें इसके कारण होती हैं। भारत तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक भी है। दिशा-निर्देश विशेष रूप से वैश्विक युवा तम्बाकू सर्वेक्षण (जीवाईटीएस) 2019 को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए थे, जिसमें पता चला था कि देश भर में 13 से 15 वर्ष की आयु के 8.5 प्रतिशत स्कूली छात्र विभिन्न रूपों में तम्बाकू का सेवन करते हैं।
तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान बनाने के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य में सुधार
तम्बाकू से संबंधित बीमारियों से होने वाली मृत्यु और विकलांगता में कमी
शिक्षा के प्रति बेहतर एकाग्रता और प्रदर्शन स्वच्छ और स्वस्थ परिसर का वातावरण
सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना
कार्यान्वयन रणनीति
टीओएफईआई पहल को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए, एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता होती है जिसमें शामिल हैं:
1. संस्थागत प्रतिबद्धता: शैक्षणिक संस्थान के प्रबंधन और नेतृत्व को पहल के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए और इसे लागू करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आवंटित करना चाहिए।
2. नीति निर्माण: तम्बाकू मुक्त परिसर के लिए एक स्पष्ट नीति बनाई और लागू की जानी चाहिए। इस नीति में सभी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों के उपयोग पर प्रतिबंध शामिल होना चाहिए, जिसमें सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटखा, पान मसाला आदि शामिल हैं।
3. जागरूकता और शिक्षा: छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अभिभावकों को तम्बाकू के सेवन के खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाने चाहिए। इसमें कार्यशालाएं, सेमिनार, पोस्टर, पंपलेट और अन्य सूचना सामग्री का वितरण शामिल हो सकता है।
4. निगरानी और मूल्यांकन: टीओएफईआई पहल के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक व्यवस्था स्थापित की जानी चाहिए। इसमें डेटा संग्रह, प्रगति रिपोर्टिंग और सुधारात्मक कार्रवाई शामिल हो सकती है।
तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान पहल एक महत्वपूर्ण पहल है जो छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और भलाई को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। शैक्षणिक संस्थानों को इस पहल को लागू करने और अपने परिसरों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
नियमों में नुक्कड़ नाटक, वीडियो गेम, एनजीओ और विशेषज्ञों द्वारा वार्ता के माध्यम से जागरूकता फैलाने में नागरिक समाज की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें कहा गया है, "इसके अनुसार, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल प्रबंधन समिति की बैठकों, राष्ट्रीय सामाजिक सेवा और विद्यांजलि-स्कूल स्वयंसेवी पहल के माध्यम से संसाधन व्यक्तियों, इस क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ को शामिल करने की सलाह दी गई है, ताकि छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और शैक्षणिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों सहित सभी हितधारकों को शामिल करते हुए तंबाकू की रोकथाम और उपभोग के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।"
संसाधन
टीओएफईआई पहल के कार्यान्वयन में सहायता के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट: https://www.education.gov.in/
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वेबसाइट: https://www.who.int/
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) की वेबसाइट: https://ntcp.mohfw.gov.in/